हस्तरेखा शास्त्र या
कला एक ऐसा विज्ञान है जो हर व्यक्ति को महज़ उसकी हथेली की रेखाओं के माध्यम से उसका
भविष्य बताने में सक्षम माना गया है|
हस्त रेखा विज्ञान को सामुद्रिक
शास्त्र भी कहते हैं| इसके पीछे गहरा इतिहास है जो यह साबित करता है की हजारों
वर्ष पहले इसका इस्तेमाल व्यक्ति का भविष्य और उसके गुज़रे समय के बारे में जानकारी
देने के लिए ऊचे स्तर पर किया जाता था
, जहाँ व्यक्ति के पास उसकी
कुंडली न होने के कारण व्यक्ति उसके जीवन की जानकारी नहीं ले पाता था, इसीलिए वह
किसी ज्ञानी हस्तरेखा विशेषज्ञ के पास जा कर अपने भविष्य की जानकारी हासिल करने का
प्रयास करता था|
इसी तरह से आज वर्तमान में भी इसकी उपयोगिता कायम है जिससे व्यक्ति आज भी अपना भविष्य
इस कला के माध्यम से जान सकता है,
और अपने जीवन में कई प्रकार
के सुधार और बदलाव ला सकता हैं |
आज के युग में भी यह इसीलिए
सरल और सटीक माना गया है क्योकि यह मात्र हथेली के मध्यम से व्यक्ति के बारे में कई
प्रकार की जानकारी उसे प्रदान करता है,
वही ज्योतिष में कुंडली या
जन्म पत्रिका की सहायता से व्यक्ति का भविष्य बताया जाता था वही हस्तरेखा से माध्यम
से व्यक्ति आसानी से अपने बार में जान सकता है जिसके लिए उसे किसी कुंडली या पत्रिका
की आवश्यकता नही होती है |
यहाँ हम आपको बताएँगे की किस प्रकार से आप भी हस्तरेखा के माध्यम से अपना भविष्य आसानी से जान सकते है वो भी बिना किसी कुंडली और पत्रिका की सहायता के|
हमारी हथेली पर कई प्रकार की रेखाएं होती है जो सामान्य तौर पर हर व्यक्ति के हाथों में पायी जाती है, कुछ रेखाएं गहरी होती है तो कुछ हलकी, कुछ सामन्य दिखती है कुछ असामान्य, कुछ ख़ास रेखाएं भी है जो हेर व्यक्ति के हाथ पर नही देखि जाती है, इसीलिए हस्तरेखा के मध्यम से व्यक्ति हर प्रकार की रेखा के बारे में आसानी से जान व समझ सकता है|जीवन रेखा: जिसे "पृथ्वी रेखा" भी कहा जाता है, यह वह रेखा है जो अंगूठे के चारों ओर फैली हुई है और यह किसी के स्वास्थ्य और शारीरिक जीवन शक्ति को दर्शाती है।
हस्तरेखा विज्ञान मेंहस्तरेखा विज्ञान मेंहस्तरेखा विज्ञान में, बायां हाथ जन्मजात जानकारी से संबंधित है, जबकि दाहिना हाथ जन्म के बाद की जानकारी से संबंधित है। दाहिने हाथ हस्तरेखा विशेषज्ञ के अनुमानों में प्राथमिकता लेते हैं। स्पष्ट होने के लिए, दाईं हथेली का उपयोग पढ़ने के 80% को निर्धारित करने के लिए किया जाता है और बाईं हथेली को अन्य 20% निर्धारित करता है।
यह है कुछ सामान्य रेखा जो व्यक्ति के बारे में विभन्न जानकारी देती है|
मष्तिष्क रेखा: जिसे "मानव रेखा" भी कहा जाता है, यह अंगूठे
और तर्जनी के बीच से हथेली के दूसरी ओर तक फैली होती है। आमतौर पर ऐसा लगता है कि यह
हथेली को विभाजित कर रही है और किसी व्यक्ति की मानसिकता और व्यक्तित्व को दर्शाती
है।
प्रेम रेखा: जिसे
"स्वर्ग रेखा" भी कहा जाता है,
यह वह रेखा है जो छोटी उंगली
के नीचे तर्जनी तक फैली होती है। यह व्यक्ति के प्रेम जीवन और दृष्टिकोण को दर्शाती
है। यह वह रेखा हैं जो दर्शाती है के की व्यक्ति अपने आस पास के लोग और अपने साथ जुड़े
लोगो से कैसे सम्बन्ध रखता है|
भाग्य रेखा: जिसे
"कैरियर रेखा" भी कहा जाता है,
यह वह रेखा है जो कलाई से
मध्यमा उंगली तक फैली होती है। यह किसी के भाग्य और करियर को दर्शाती है। व्यक्ति किस
क्षेत्र में अपना जीवन और करियर आगे बड़ा सकता है यह हम इस रेखा के मध्यम से पता कर
सकते है| जैसे व्यक्ति के सरकारी नौकरी के योग, राज योग, व्यापार योग इत्यादि|
विवाह रेखा: यह
प्रेम रेखा और छोटी उंगली के बीच की एक छोटी रेखा है। यह किसी के प्रेम संबंधों और
विवाह को दर्शाता है। व्यक्ति का विवाह किस आयु में होगा या उसका वैवाहिक जीवन कैसा
होगा इसकी जानकारी हमे इस रेखा के माध्यम से प्राप्त हो जाती है|
कौनसा हाथ देखा जाना चाहिए किसी व्यक्ति का भविष्य जानने
हेतु?
कुल मिलाकर,
हस्तरेखा शास्त्र का संचालन
करते समय, एक हस्तरेखा विशेषज्ञ
मुख्य रूप से दाईं हथेली का उपयोग करता है और फिर बाईं हथेली को देख कर उसके अनुसार जानकारी से जोड़ता या घटाता है।
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